మహా కుంభంపై మల్లికార్జున్ ఖార్గే: क अध मल लिक ख द मह प दिए गए बय को विव विव थमत नहीं ह ह. जम में शिवसेन डोग फ के के त ने लिक ख के खिल प किय किय औ की की.
क अध मल लिक ख द मह मह दिए गए बय बय को ज विव अब अब सड़कों गय. जम में डोग फ औ शिवसेन के यक ने मल जुन के खिल प शन किय जमक.
शिवसेन- डोग फ के के अध अशोक त ने आ लग ख मह जैसे पवित स औ हिंदुओं आस से खिलव क क क. उन कह कि कि हिंदुओं की आस से खिलव क की की इज किसी नहीं ज.
शिवसेन-डोग फ ने आ ोप लग हुए कि कि मल क क जुब प क नहीं है है इस के बय से झलकती झलकती झलकती झलकती झलकती. शिवसेन-डोग फ के क त म म की ख को ही ही अपन इस क क ेस के पद से से.
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क अध अध मल ख ने ने कह थ थ, ” क गंग में डुबकी से ग खत हो ज है? क इससे आपक पेट भ? मैं किसी की आस प सव नहीं उठ च. अग किसी को बु लग लग हो, तो मैं म म. “
क अध अध ने, औ (गंग ) डुबकी लग की होड़ में लगे. “
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